देखें मुझ से मिलने के तलबगार कितने हैं
कितने हैं दुश्मन मेरे और मेरे यार कितने हैं
राह में उसकी कब से बिछा राखी है आँखें
जाने मेरी किस्मत में इंतजार कितने हैं
सरे राह इस भीड़ में मेरी नुमाइश है
अंदाजा नहीं मुझे की खरीदार कितने हैं
नसीब में लिखा था इस दयार तक आना
अपनी ही निगाहों में हम शर्मसार कितने हैं
कितने हैं दुश्मन मेरे और मेरे यार कितने हैं
राह में उसकी कब से बिछा राखी है आँखें
जाने मेरी किस्मत में इंतजार कितने हैं
सरे राह इस भीड़ में मेरी नुमाइश है
अंदाजा नहीं मुझे की खरीदार कितने हैं
नसीब में लिखा था इस दयार तक आना
अपनी ही निगाहों में हम शर्मसार कितने हैं
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