माहौल फिर से कितना गमजदा हो गया है
तकदीर का गमों से सौदा हो गया है
ना शायरी रही ना वो डायरी रही
वो शायर भी अब कहीं गुमशुदा हो गया है
खुदा जाने क्या होगा मेरे इकतरफा इश्क का
ये दिल जाने क्यों उस पे फ़िदा हो गया है
वो प्यार था मेरा या कोई बेनाम सा रिश्ता
जो भी था अब तो वो जुदा हो गया है
वो पास था तो लगता था इंसान की तरह
वो दूर है तो लगता है खुदा हो गया है
तकदीर का गमों से सौदा हो गया है
ना शायरी रही ना वो डायरी रही
वो शायर भी अब कहीं गुमशुदा हो गया है
खुदा जाने क्या होगा मेरे इकतरफा इश्क का
ये दिल जाने क्यों उस पे फ़िदा हो गया है
वो प्यार था मेरा या कोई बेनाम सा रिश्ता
जो भी था अब तो वो जुदा हो गया है
वो पास था तो लगता था इंसान की तरह
वो दूर है तो लगता है खुदा हो गया है
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